आलोक कौशिक
Author
2 May 2020 01:45 PM
बिल्कुल सत्य कहा आदरणीय…✍️
संस्कारी व्यक्ति का चरित्र कीचड़ में कमल की तरह रहता है।
अपनी खुद की नजरों में गिरने से अधिक मृत्यु तक को वरण करना पसंद करता है।
धन्यवाद !