ये इंसानी फ़ितरत का करिश्म़ा है या खुदा की नेम़त है। के नाकामय़ाबी को भी कामय़ाबी बना लेते हैं लोग।
श़ुक्रिया !
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ये इंसानी फ़ितरत का करिश्म़ा है या खुदा की नेम़त है।
के नाकामय़ाबी को भी कामय़ाबी बना लेते हैं लोग।
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