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24 Apr 2020 02:10 PM

बहुत नफासत से आज की परिस्थितियों को शब्दो के पैमाने मे डाला है।इनको लयबद्ध कर सुरो में बांधा जाये तो क्या अभिनव प्रस्तुति होगी।इसकी प्रतीक्षा रहेगी।

अर्से बाद जब आज के दौर पर चर्चे होगें ।
कुछ कविताएँ,कुछ किस्से भी मशहूर होगे।।
इस संग्रह की रचनाओ का भी जिक्र होगा।
यूँ लिखते रहिये, वक्त आने पर गरूर होगा।।

एक तुकबंदी करने की धृष्टता की है ।
सादर अभिनंदन

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30 Apr 2020 05:41 PM

आप यूं ही धृष्टता जारी रखें,,,बहुत बहुत धन्यवाद

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