KRISHNA SHARMA
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24 Apr 2020 09:41 PM
मार्गदर्शन हेतु बहुत-बहुत आभार सर जी ||
अति सुंदर कथा प्रस्तुति।
आपने अत्यंत भावपूर्ण रूप से यह प्रस्तुत किया है कि आधुनिक परिपेक्ष में बेटियों की संवेदना मां के प्रति बेटों से अधिक है। यह कथा उस मानसिकता पर कुठाराघात है जो जो बेटों को बेटियों से अधिक महत्त्व देकर उन्हे श्रेष्ठ मानते हैं।
आपका कथा प्रस्तुति प्रवाह सराहनीय है।
धन्यवाद !