जाता हूं मैं मुझे अब ना बुलाना।
मेरी याद भी अपने दिल में ना लाना ।
मेरा है क्या मेरी मंजिल ना कोई ठिकाना।
एक प्यार का था दिया था वो भी बुझा डाला।
धुंधला सा भी कहीं क्यों हो उजाला।
उन यादों से कह दो मेरी दुनिया में ना आना।
जाता हूं मैं मुझे अब ना बुलाना।
जाता हूं मैं मुझे अब ना बुलाना।
मेरी याद भी अपने दिल में ना लाना ।
मेरा है क्या मेरी मंजिल ना कोई ठिकाना।
एक प्यार का था दिया था वो भी बुझा डाला।
धुंधला सा भी कहीं क्यों हो उजाला।
उन यादों से कह दो मेरी दुनिया में ना आना।
जाता हूं मैं मुझे अब ना बुलाना।
श़ुक्रिया !