मेरे दिल के टुकड़े न जोड़िए । मेरी खामोशी को न तोड़िए । यही आईना तो है काम का । जो टूट कर भी सदा न दें ।
श़ुक्रिया !
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मेरे दिल के टुकड़े न जोड़िए ।
मेरी खामोशी को न तोड़िए ।
यही आईना तो है काम का ।
जो टूट कर भी सदा न दें ।
श़ुक्रिया !