सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Author
31 Mar 2020 11:38 PM
आभार
आभार
बहुत खूब !
खुद को मिटा कर होश में आए तो क्या हुआ।
वक्त रहते संभल जाते तो ये अंजाम ना होता था जो हुआ ।
श़ुक्रिया !