गर हम वक्त के हमराह न चलने पाए। वक्त हमको ठुकरा कर आगे निकल जाएगा। पल दो पल की दूरियां जरूरी हैंं सलामती के लिए । वरना पूरी ज़िंदगी पड़ी है नज़दीकियां बढ़ाने के लिए ।
श़ुक्रिया !
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गर हम वक्त के हमराह न चलने पाए।
वक्त हमको ठुकरा कर आगे निकल जाएगा।
पल दो पल की दूरियां जरूरी हैंं सलामती के लिए ।
वरना पूरी ज़िंदगी पड़ी है नज़दीकियां बढ़ाने के लिए ।
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