jyoti jwala
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24 Sep 2021 12:32 PM
मिल के सूखे पत्तों को टहनियों से छाँट दें,
रिश्तों में बढ़ रही इन गहराइयों को पाट दें,
अपनों से दूर होकर हासिल भी क्या करेंगे
ऐसा ना हो कि जीवन तन्हाइयों में काट दें,,
अधुरे प्रेम की तो एक ही दास्तां है ,
कभी उसका तो कभी हमारा दिल रोता है ।
इस जीवन में तु मिले या ना मिले ,
अगले जन्म में तेरा होना पक्का है ।।
? धन्यवाद ?
आपकी प्रस्तुति आपका हाले दिल बता रहा है ?