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19 Mar 2020 04:25 PM

जिन्दगी को शिक्षक का रूप देकर इस कविता ने पाठको के साथ अपने छात्र जीवन का चित्र खीचकर एक चिर परिचित सा दृश्य दिया है जिसमेँ वह खो सा जाता
है। इस सुन्दर कविता हेतु अत्यंत साधुवाद।
शिक्षा और शिक्षकों का उददेशय छात्र छात्राओ को जीवन मे पूछे जाने वाले प्रश्न पत्रों के हेतु तैयारी कराना ही है।
इन प्रश्नो का ना तो पाठ्यक्रम होता है और ना पुस्तकें ।

जीवन के कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जिनका उत्तर ना देना ही असली उत्तर होता है।वक्त के साथ वह प्रश्न ही समाप्त हो जाते हैं
ऐसा ही एक प्रश्न जिसका उत्तर देना आवश्यक नहीं है
क्या अपने 12 कक्षा डी ए वी काँगड़ा से 1991 में उत्तीर्ण की है।

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20 Mar 2020 10:49 AM

धन्यवाद ji
जी बिल्कुल whin से की है

22 Mar 2020 12:18 PM

A lady colleague of same batch is working with me as executive engineer

22 Mar 2020 02:52 PM

Oh,,kya naam hai unka

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