Mugdha shiddharth
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15 Mar 2020 09:08 PM
दिल ने एक पुकार सुनी है अभी – अभी
क्या तुझ तक भी पहुंची है रुकी – रुकी
सुनना मत इस को दिल की कानों से
दर्द देगा ये सर्द रातों में कभी – कभी
~ सिद्धार्थ
15 Mar 2020 09:53 PM
सुभानअल्लाह !
दिल में एक लहर सी उठी है अभी।
कोई ताजा हवा चली है अभी।
वक़्त के बेनिशान जज़ीरों से कोई आवाज आ रही है अभी।
श़ुक्रिया !