Seema katoch
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4 Mar 2020 03:47 PM
Thanks ji
Thanks ji
“समझदारी को कुछ देर छुपा लो
बारिश में भीग के देखें, थकान बहुत है”
गजल के आखिरी शेर मे जीवन के आनन्द का तत्व छुपा है
जब जब जीवन में तनाव की प्रमुखता हो फिर से बच्चे बन जाये और उन्मुक्त होकर खिल खिलाएं
जीवन का मूल मन्त्र उत्कृष्ट रचना कर माध्यम से याद कराने हेतू आभार