सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Author
21 Feb 2020 04:17 AM
आभार
आभार
तेरे खतों को मैंने बहुत संभाल कर रखा है।
यही मेरी दौलत है जो तेरे प्यार में मैंने कमाई है।
श़ुक्रिया !