Comments (6)
27 Aug 2016 12:00 PM
मृदुल जी बड़ा अच्छी प्रतिक्रिया दी।
रचना तो उम्दा है पहली बार पति भक्ति भी करता
है ।
27 Aug 2016 04:46 AM
मेरा विचार है कि यदि महिलाओं ने हड़प्पा सभ्यता से अर्थात 5000 वर्षो से इस परंपरा को आत्मसात किया तो यदि अब कोई आधुनिकता की और बढ़ना चाह रहा अथवा सिन्दूर की आवश्यकता को नकार रहा,तो चुकी पुरुषों की ये एक कीमती पूँजी है , उसे स्वयं इसका भार उठाना चाहिए और अपनी परंपरा और पूंजी को कम से कम हजार वर्ष तक ले जाने का शाहस तो दिखाये हो सकता है महिलाये ये प्रेम देख इसे पूण: स्वीकार लें l
26 Aug 2016 11:37 PM
Bahut khub!
Bhai
कृष्ण मलिक अम्बाला
Author
26 Aug 2016 11:40 PM
शुक्रिया दीदी ये भारत के कोने कोने में जानी चाहिए
आपकी रचना अति उत्तम है मेरी रचना कोरोना मजबूत नहीं कमजोर है को अपना वोट प्रदान करें धन्यवाद