Comments (14)
15 Dec 2016 04:23 PM
बिल्कुल सही।
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
15 Dec 2016 04:52 PM
धन्यवाद मित्रवर ।
11 Dec 2016 04:08 PM
Excellent
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
11 Dec 2016 04:10 PM
धन्यवाद बेटा ।
10 Dec 2016 10:29 PM
रमणीक
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
10 Dec 2016 11:55 PM
धन्यवाद बेटा ।
10 Dec 2016 03:11 PM
excellent.
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
10 Dec 2016 03:33 PM
धन्यवाद बेटा ।
9 Dec 2016 11:03 AM
पथ-दर्शक उन्मत्त हुए है ,
मानवता का भाव सो गया ।
सरे-आम लुटती है अस्मत ,
मेरा मानव कहाँ खो गया ।
चेहरे जितने कांतिवान हैं ,
मन, अब उतने ही काले हैं ।
अद्भुत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
9 Dec 2016 12:28 PM
धन्यवाद मित्रवर आशीष जी।
8 Dec 2016 10:22 PM
अद्भुत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
8 Dec 2016 10:34 PM
धन्यवाद मित्रवर
Very nice
धन्यवाद