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Comments (14)

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5 Apr 2022 04:28 PM

Very nice

20 Jul 2022 01:19 PM

धन्यवाद

बिल्कुल सही।

धन्यवाद मित्रवर ।

11 Dec 2016 04:08 PM

Excellent

धन्यवाद बेटा ।

10 Dec 2016 10:29 PM

रमणीक

धन्यवाद बेटा ।

10 Dec 2016 03:11 PM

excellent.

धन्यवाद बेटा ।

पथ-दर्शक उन्मत्त हुए है ,
मानवता का भाव सो गया ।
सरे-आम लुटती है अस्मत ,
मेरा मानव कहाँ खो गया ।
चेहरे जितने कांतिवान हैं ,
मन, अब उतने ही काले हैं ।

अद्भुत

धन्यवाद मित्रवर आशीष जी।

अद्भुत

धन्यवाद मित्रवर

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