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ये रिश्तें काँच से नाजुक जरा सी चोट पर टूटे
बिना रिश्तों के क्या जीवन ,रिश्तों को संभालों तुम
हर कोई मिला करता बिछड़ने को ही जीबन में
मिले, जीबन के सफ़र में जो उन्हें अपना बना लो तुम

बहुत खूब , शब्दों की जीवंत भावनाएं… सुन्दर चित्रांकन

23 Aug 2016 09:33 AM

Wah wah..

23 Aug 2016 12:46 PM

Thanks

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