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… बैठे…चादर गुरुर की…. तनहा रह जाएगा- बहुत खूब!?
धन्यवाद आपका
दिल से आभार आपका, धन्यवाद माननीय जितेंद्र जी
बबिता अग्रवाल जी ! अापकी यह ग़ज़ल ” राजा हो या रंक दुनिया छोडकर जाना तो है….. में शाश्वत सत्य ! बहुत उम्दा। —- जितेन्द्र कमल आनंद , रामपुर ( उ प्र )
जी आभार आपका
… बैठे…चादर गुरुर की…. तनहा रह जाएगा- बहुत खूब!?
धन्यवाद आपका