Comments (5)
20 Aug 2016 08:24 PM
जो घाव तुुम्ने दिया था वो घाव ज़िंदा है
अभी हँसो न मेरी जान राव ज़िंदा है
तुम्हारी दिल से वही खेलने की आदत है
हमारा अपना वही रख रखाव ज़िंदा है
जिंदा शायरी …
नज़ीर नज़र
16 Aug 2016 04:55 PM
Waaaaahh bhot khoob
16 Aug 2016 03:57 PM
kya kahne
WaAaah