वाह ! सुंदर गीत हुआ है आदरणीया अर्चना गुप्ता जी. मुखड़ा तो बहुत ही सुंदर बन पडा है. किन्तु //अश्क भर आँखों में आते याद कर मनमीत को जब//यह पंक्ति कुछ गड़बड़ हो गई है. सादर.
सुंदर अभिव्यक्ति . . . वाह
बहुत खूबसूरत रचना वाह वाह बहुत खूब
” छेडता है प्यार दिल के तार —– “
आपका दिल से आभार
सुंदर भावाभिव्यक्ति
धन्यवाद आपका सर
आपके लेखन को नमन
हार्दिक बधाई .
बहुत बहुत शुक्रिया आपका प्रोतसाहन के लिये।