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बहुत बढ़िया तिवारी जी ……
जेका पैदा किहिस अम्मबा अब ओहिन से हारी ! दुलहिन के मुह देख के दादू दूर किहिन महतारी !!……….वाह ! बहुत सुंदर सृजन.
बहुत बढ़िया तिवारी जी ……