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तार बनकर छिड़ रही तुम उंगलियों में मौसिकी चारों तरफ फिर भी रुदन है मुरकियो में हमेशा की तरह लाजवाब लेखनी है आपकी 👌
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीया शिवजी आपका सदैव कल्याण करें हर हर महादेव 🚩🙏🚩
तार बनकर छिड़ रही तुम उंगलियों में
मौसिकी चारों तरफ फिर भी रुदन है मुरकियो में
हमेशा की तरह लाजवाब लेखनी है आपकी 👌
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीया
शिवजी आपका सदैव कल्याण करें
हर हर महादेव
🚩🙏🚩