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11 Dec 2025 09:18 AM

पहले अमीर-गरीब सभी लोग अपनी जुबान की कद्र करते थे। एक ओर जहाँ मालगुजार द्वारा कुकुर की निष्ठा से गिरवी के ब्याज से कई गुनी चोरी के माल का मिल जाना और फिर कुत्ते को मुक्त कर देना तो दूसरी ओर बंजारा द्वारा करार तोड़ कर यानी वचन भंग कर कुत्ते का भागकर वापस आ जाना समझ कर पीट-पीट कर मार डालना 21वीं सदी के लोगों के लिए चिन्तन का विषय है।

इंसान कुछ भी कहे, लेकिन जुबान की ही कद्र होती है। उस बंजारा ने अपने पापों के प्रायश्चित करने कुकुर समाधि बनाया। यह मानव-पशु प्रेम पर सोचने के लिए विवश करता है। एक सच्ची कहानी लेखन के लिए लेखक को शत शत नमन।💐💐💐💐💐

11 Dec 2025 09:08 AM

बेहतरीन कहानी।

11 Dec 2025 08:19 AM

पशु प्रेम और स्वामीभक्ति का अनूठा उदाहरण। शानदार स्टोरी।

11 Dec 2025 08:18 AM

अप्रतिम लेखनी…👌👌👌👌👌

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