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सनातन धर्म का उपहास
सामयिक उद्बोधक सृजन
आदमी ठगा सा महसूस कर रहा है !
सत्य वचन.
संस्कृति,सभ्यता,इतिहास को विकृत रूप में दिखाने के स्तरहीन प्रयासों को भले ही सेंसर बोर्ड मान्यता दे दे पर समाज कभी मान्यता नही देगा ।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और राम भक्त हनुमान का किरदार निभाना आसान काम नहीं है। सटीक,समसामयिक रचना।
सत्य वचन
सहमत हूँ
sateek
सनातन धर्म का उपहास