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दीपक कुमार श्रीवास्तव जी धन्यवाद
इति सिद्धम । कविता बढ़िया है
श्री क्षेत्रपाल शर्मा जी धन्यवाद
भगवान तो कण कण में है फिर भी इंसान क्यो ढूंढ रहा है।पढ़िए इस रचना में।
दीपक कुमार श्रीवास्तव जी धन्यवाद