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गज़ब ग़ज़ल है, आद
डा अर्चना गुप्ता जी! आपकी ग़ज़ल ” अर्चना मेरी है तू” शीर्षक बहुत उम्दा । ” भींगता रहे है मन / सावनी झड।ी है तू ” बहुत शानदार ! बधाई ! — जितेन्द्र कमल आनंद २७-१०-१६
शुक्रिया आपका
गज़ब ग़ज़ल है, आद