इस जन्म नहीं, अगले जन्म नहीं, हर जन्म की आस भी ‘सिर्फ तुम’ हो।।बहुत ही उम्दा बात कही है आपने ।जो कही जाकर हमारी संस्कार, हमारे परम्परा से जुड़ता है।अति सुन्दर रचना।👌👌🙏
धन्यवाद अनामिका जी 🙏🏾🙏🏾 आभार
बहुत बहतरीन रचना।
शुक्रिया जनाब 🙏🏾🙏🏾 आभार
बहुत खूब
धन्यवाद मोहतरमा 🙏🏾🙏🏾
बहोत उम्दा खास 👌👌👌
क्या खास नाम है आपका सीमा तू है ना (Tuhaina) ?☺️☺️☺️
लाजवाब 👌
अति उत्तम
धन्यवाद, मोहतरमा 🙏🏾🙏🏾
अति सुन्दर