उत्तम सृजन,AKHILESH JI…..
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा। साभार।
बहुत खुबसूरत।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढ़कर कृतार्थ करें।
बहुत सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे
सुंदर गीत