बहुत खूबसूरत ग़ज़ल लिखी हो दीदी
मुझे तो नही आता ग़ज़ल लिखना पर
सीखने की चाह जरूर है ।
मुझे वो बहर मीटर ही समझ नही आती
आप इस ग़ज़ल को कौन से मीटर (बहर) में लिखे हो।
☺️? प्रणाम दी मैं चला बाय। बाकी कल या रात को पढूंगा ।
अनुज / नवीन
धन्यवाद जी ।
ऐसा ही होता है इश्क मे, क्या खूब लिखा
शुक्रिया जी
आपकी रचनाएं दिल को छू लेती हैं।
Nice lines…
धन्यवाद जी