Krishnam ne jitna btaya yha usse bhi jyada accha likhti h aap.mera soubhagya hai ki mai aapki rachnao ko padh rha hu.
बहुत सुंदर मानसी पाल, क्या कविता लिखी है।मन को भाव विभोर कर देने वाली! धन्यवाद आपका जी।पर आप कभी किसी को पोस्ट को पढ़ती नहीं है।यह शिकायत है, मेरी आपसे।
???????