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ममता मां की बनी रहे। कम है जितना भी मां के लिए कहें। चाहते है वर्तमान के वक्तिवाद में, बेटा न कोई मां से दूर रहे।। जय जय मां। प्रणाम
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
मां,की उपस्थिति में भगवान भी याद नहीं रहते, क्योंकि मां स्वंय भगवान की प्रतिमूर्ति है! सादर प्रणाम श्रीमान चतुर्वेदी जी।
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर
ममता मां की बनी रहे।
कम है जितना भी मां के लिए कहें।
चाहते है वर्तमान के वक्तिवाद में,
बेटा न कोई मां से दूर रहे।।
जय जय मां।
प्रणाम
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर