बहुत ही सुंदर लेख है आपका??
बिल्कुल सही कहा आपने .. ईश्वर को खोजना है तो अपने अंदर ही जाना होगा
ईश्वर कहीं और हैं भी नही वोह अंदर हैं जो डुबकी लगाएगा ..वोह ही हीरे मोती जैसे ईश्वर पाएगा ?
बहुत सुन्दर लेख अजय जी .. शुभकामनाएँ ??
मेरी रचना “कोरोना बनाम सिंह क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?
जी बिलकुल
जी बिलकुल
अत्यन्त प्रभावशाली एवं सन्देशपूर्ण सृजन,डा0 अमिताभ जी ..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..!
साभार..!???
“करोना एक सबक़”का अवलोकन करें ??