अत्यन्त प्रभावशाली एवं सन्देशपूर्ण, लेख, अविनाश जी, ..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..!
साभार..!???
कटु यथार्थ की सुंदर प्रस्तुति !
धन्यवाद !
वाह! बहुत सुन्दर लेख अविनाश जी..शुभकामनाएँ ?? मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?
वर्तमान परिवेश पर सटीक टिप्पणी एवं कटाक्ष सम-सामयिक है! कहने लिखने वाले इन प्रहरियों के साहस को नमन वंदन।