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एक तुम्हारी ख़फ़गी से , मंजर वीराना क्यों लगता है…
सर ये बहुत गहरी याद है , किसकी है…???
Nostalgic…
सब तसव्वुर है भाई।
सुंदर उद्गार मिले आपको अपना प्यार!!
धन्यवाद । सब तसव्वुर है।फसाना है।
सुब्रमण्यम जी बहुत शुक्रिया। दो लाइनें जोड़ कर कुछ सुधार किया है । देखें। आपका फिर से बहुत शुक्रिया।
प्रस्तुति के भाव कुछ अस्पष्ट से हैं ।
धन्यवाद !
एक तुम्हारी ख़फ़गी से , मंजर वीराना क्यों लगता है…
सर ये बहुत गहरी याद है , किसकी है…???
Nostalgic…
सब तसव्वुर है भाई।