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टाइपिंग में गलती के लिए क्षमा चाहता हूं. बिना मां के जिंदगी वीरान है इस बात को मैं बखूबी समझ सकता हूं…… अंधा ही आंखों की कदर जानता है.. ???✍️
यह किताब आप ने आपने अपनी माँ को समर्पित को है. मां तो मां ही होती है…. बच्चा दे कारी फिर मां कहां सोती है
टाइपिंग में गलती के लिए क्षमा चाहता हूं.
बिना मां के जिंदगी वीरान है इस बात को मैं बखूबी समझ सकता हूं……
अंधा ही आंखों की कदर जानता है.. ???✍️