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सुपर
वाह एक दम यथार्थ रचना
दुनिया के सारे मजे से रहता है जो दूर उसी अभागे मनुष्य को कहते हैं मजदूर
बहुत सुंदर
बहुत खूब ??
बेहतरीन
कटु यथार्थ की सुंदर प्रस्तुति।
धन्यवाद !
सुपर