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बहुत ही खूबसूरत रचना। मेरी रचना साथी तेरा साथ का अवलोकन कर वोट करने की कृपा करें।

तुम ही मेरी इब्ति़दा हो। तुम ही मेरी इन्तेहा हो।
तुम ही मेरी रू़ह का क़रार हो ।

तुम ही मेरी आदि और तुम्ही मेरा अंत हों !
पूर्णविराम शाँति !

28 Dec 2019 08:50 PM

क्या बोलना चाहते हैं ।मैं तुछ समझ नहीं पा रहा हूँ

27 Dec 2019 11:30 AM

?

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