Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (23)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
10 Nov 2018 10:51 PM

सुंदर रचना है आपकी अर्चना जी !मेरा मत स्विकार करे !मेरी रचना पे वोट करने का प्रयास करे !

आपकी रचना अत्यंत प्रभावी है परन्तु कुछ त्रुटि सुधार की आवश्यकता है जैसे शिशु-सी लिखें ,नज़रो को नज़रों करें ,बिलकुल को बिल्कुल करें ,कृपया इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’

4 Nov 2018 12:09 AM

धन्यवाद सर।सीखने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए।

Page 2
Loading...