Comments (213)
6 Nov 2018 08:19 PM
Good very good
Ashish Shrivastava
Author
12 Nov 2018 11:12 AM
ji dhaynawad aadarniye
6 Nov 2018 12:56 PM
bhut aachi rachna hai !.. Bhut bhut badai ho aap ko..
Ashish Shrivastava
Author
12 Nov 2018 11:12 AM
ji dhaynawad aadarniye
5 Nov 2018 02:32 PM
आपकी रचना सरहनीय है। आप कृपया मुझे भी वोट करे मान्यवर
Ashish Shrivastava
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5 Nov 2018 03:30 PM
ji dhaynawad aadarniye
Ashish Shrivastava
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4 Nov 2018 08:58 PM
mobile se voting nahi ho pa rahi hei ….kai logo ne bataya….
Ashish Shrivastava
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12 Nov 2018 04:53 PM
ji aadarniye neelam ji, yaha M.P. se voting mei problem aa rahi hei. fir bhi hum satat prayasrat hei….aapki wishes hamare saath hei….same to u….
Ashish Shrivastava
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2 Nov 2018 05:28 PM
Dharm marm ki jagah Dharm karm bhi padh sakte hein, isi tarah aapka ki jagah tera bhi padhh sakte hein maa ko samman dene ke liye aapka shabad upyog kiya gaya hei
Ashish Shrivastava
Author
2 Nov 2018 05:26 PM
निवेदन : रचनाकार नहीं रचना बड़ी होती है इसलिए पसंद आए तो अवश्य ही लाइक कीजिएगा
खूबसूरत रचना जी, 11वा मत मेरा स्वीकार करे, और मेरी रचना पर भी अपनी दयादृष्टि डाले और अपना वोट देकर मुझे अनुग्रहित करें।
जी धन्यवाद, आदरणीय सुषमा जी वोटिंग प्रतिशत में सतत आगे बढ़ते हुए भी आपने एक छोटे-से शहर के शौकिया लेखक का ध्यान रखा और वोट किया, हम अभिभूत हैं आपकी सहृदयता का। आपकी रचना यूं तो पूरी ही सुंदर एवं पठनीय है लेकिन अंतिम पंक्तियां मन को छू लेने वाली हैं।
होगी बहनए बहुए बेटी तू माँए मेरे लिए तो भगवान है।।
तेरी व्याख्या करने को माँए पंक्तिया कम रह जाती हैं।।
आपकी भावाव्यक्ति को अच्छा प्रोत्साहन मिल रहा है ये देखकर प्रसन्नता हुई। हम अभी नये-नये एक्टिव हुए हैं और आपके सहयोग हमारे मन को हर्षित करने वाला है। बहुत आभार। बहुत आभार! विश्वास है प्रतियोगिता से हटकर भी आपका सहयोग एवं मार्गदर्शन हमें निरंतर मिलता रहेगा।