ओह भाई साहब ?? बहुत ही उम्दा लिखा है आपने.. मज़ा आ गया पढ़ कर ??? क्या इसे कॉपी करके WhatsApp पर ले सकता हूं अगर इजाजत हो आपकी तो बस ? इतना सा ??
बहुत बहुत धन्यवाद भैया
???
आभार छोटे
कृपया मुझे भी वोट देने की कृपा करे
अवश्य श्रीमान जी
अति उत्तम
कृपया मेरी रचना कोरोना का अवलोकन करे पसंद आए तो वोट करें !
धन्यवाद
अवश्य मैम
वाह क्या कहने अमरेश मिश्र ‘सरल’ जी, आपको वोट दिया। कृपया मेरी रचना “कोरोना दोहा नवमी” पसन्द आये तो मुझे भी अपने बहुमूल्य वोट से नवाज़ने का कष्ट करें। धन्यवाद।
अवश्य
जल्द ही वोट करते है
शानदार
आभार छोटे भाई
अमरेश जी आपका वोट छूट गया है अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें। शुक्रिया।
तुरंत सोनी जी
कृपया मुझे वोट देने की कृपा करें मैं पहले ही आपको वोट दे चुका हूं।
महोदय लॉगिन करते ही तुरंत
सुंदर रचना । शुभकामनाओं समेत मैंने आपको वोट दिया । कृपया मेरी कविता
” कोरोना के रोने को क्या रोना “
पर अपना वोट दे कर अनुगृहीत करें ।
धन्यवाद
महोदय आपने हमें वोट नही किया है… पर मैं आपको वोट कर रहा हूं
मैनें आपको वोट दे दिया हैं। कृपया आप भी मुझे वोट दे ?
अवश्य
सरल जी मैं आपको वोट दे चुकी हूँ
कृपया मेरी कविता का अवलोकन karke वोट दें I
अवश्य
आपके वोट का इंतजार है ?
अद्भुत भैया
आभार भाई
Shandar Amresh
Thank u भैया
हमेशा की तरह बेहतरीन लेख बड़े भाई।
आभार छोटे
बहुत उम्दा रचना जी..
क्या खूब लिखा आपने
आभार प्रिय…
अमरेशजी वोट स्वीकार करें, मेरी कविता को वोट करें यदि अच्छी लगी तो !
अवश्य मैम
अमरेश जी बहुत ही सुन्दर चित्रण। मेरी कविता भी अवलोकित करें। धन्यवाद।
आभार आदरणीय
अमरेशजी वोट स्वीकार करें
मेरी कविता ईश्वर का भी आँकलन करें।?
अवश्य मैम
आभार आपका
true sir ji❣️
आभार भाई
ज्वलन्त मुद्दों पर बेबकीपन बेहतरीन है। श्रेष्ठतम कविता है। ईश्वर कवि अमरेश मिश्र के कलम में ऐसे ही धार बनाये रखे।
” है नहीं तलवार अपने हाथ मे तो क्या,
हम कलम से ही करेंगे सिरफिरों के सिर कलम,”
बहुत बहुत धन्यवाद भैया