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Comments (101)

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15 Dec 2020 01:15 PM

काली सफ़ेद कमाई की जेबें खाली कर दी।
घर घर पहुंचा ये कोरोना, सुनकर दुखड़ा आ जाये रोना !!

शब्दों को एक माला में पिरोना और उसको एक सुनहरा व नया रूप देना, आप से अच्छा कौन कर सकता है अंकल जी??

बहुत बहुत धन्यवाद् बिटिया …

धन्यवाद् आपके आगमन का..

Bahaut hi shaandaar kavita.. ????

धन्यवाद् बेटी

15 Dec 2020 11:49 AM

बहुत अच्छी कविता है सर

धन्यवाद् ravinder जी…फॉर सपोर्ट

15 Dec 2020 11:20 AM

Ati sundar ma saraswati aap par kripa banaye rahe Hamesha ???

बहुत बहुत धन्यवाद् आपने इतनी दूर होकर भी अनमोल शब्द से स शुशोभित किया…

15 Dec 2020 10:51 AM

बहुत खूब..

धन्यवाद् बेटी

15 Dec 2020 10:50 AM

I love to read it

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