Comments (91)
9 Nov 2018 06:59 PM
खूबसूरत रचना जी, 55वा मत मेरा स्वीकार करे, और मेरी रचना पर अपना मत देकर मुझे अनुग्रहित करें।
8 Nov 2018 09:09 AM
मुग्धा, अच्छी रचना। क्या मेरी कविता पढेंगे और वोट करेंगे।
7 Nov 2018 06:43 AM
बहुत सुंदर
3 Nov 2018 03:27 PM
आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने परन्तु क्षमा करें एवं कुछ त्रुटि सुधार करें ! जैसे हार मांस को हाड़-मांस करें,ह को है करें ,आश को आस करें ,इसे अन्यथा न लें ! मेरी अशेष शुभकामनाएं ,सादर ‘एकलव्य’
Mugdha shiddharth
Author
3 Nov 2018 04:19 PM
आप को धन्यवाद नहीं कहूंगी ! क्यूँ कि गुरु जन को धन्यवाद नहीं करते।
2 Nov 2018 03:11 PM
सचमुच बेहतरीन और दिल को छूने बाली रचना है.
2 Nov 2018 03:09 PM
मेरी माँ देवी नही ‘एक लाजबाब रचना है .
2 Nov 2018 08:18 AM
सुन्दर
Mugdha shiddharth
Author
2 Nov 2018 07:06 PM
आप का बहुत -बहुत आभार।
वाह! बहोत ही उम्दा रचना।। मेरा भी मत आपको स्वीकार हो, तथा आग्रह की अगर मेरे भी रचना पर आपकी कुशल दृष्टि व मत पड़ जाए तो कृतार्थ होऊं।।?।।
महोदय , आपका अभी तक मेरे पृष्ठ ‘मेरी भोली “माँ” (सहित्यपिडिया काव्य प्रतियोगिता)’ नामक रचना पर स्नेह रूपी मत देने हेतु स्वागत है।। ?