मर्मस्पर्शी रचना।
हार्दिक आभार आपका, आदरणीया Astuti जी।??
बेहद खूबसूरत मर्मस्पर्शी कहानी ।मैत्री व्यक्तिगत बुराइयों को भी नजरअंदाज कर देती है ।
हार्दिक आभार , आदरणीय Rajendra जी।??
अति सुंदर
Thanks a lot,mr.Alok..!
बहुत ही हृदयस्पर्शी कहानी लिखी है सर… वर्तमान स्थिति पर बहुत ही बेहतरीन लेखन… बधाई हो आपको ? ? ??
हार्दिक आभार आपका, आदरणीया ऊषा जी।??
Nice story
?हार्दिक आभार, Nisha ji ..!?
यथार्थ पूर्ण रचना।
?हार्दिक आभार, आदरणीय Rajesh जी..!?
Bahut hi badhiya Sir ?
?Thanks a million, Pooja ji..!?
सुंदर ?
?हार्दिक आभार, आदरणीय Roopesh जी..!?
अति सुंदर
?हार्दिक आभार, आदरणीय Sameer ji..!?
आधुनिक परिवेश के मुंशी प्रेमचंद।अच्छी कहानी है।बहुत बहुत शुभकसमनाएँ
?हार्दिक आभार, डा0 सतीश..!
बहुत ही सुंदर रचना
?हार्दिक आभार, आदरणीय Anil ji..!?
Bahut sundar sir
?हार्दिक आभार, आदरणीय Akhilesh ji ..!?
अति सुंदर
?हार्दिक आभार, “Chanda ji” ..!?
At I sundar
?हार्दिक आभार, Mukesh ji ..!?
Sundar
?ji shukriya..!
Bahut hi uttam.
?ji shukriya aapka..!
Very nice baba ji
?Thanks dear Atul..!
बहुत सुंदर???
Thanks a lot..!
जमीनी सच, बढ़िया ?
???हार्दिक आभार आपका।
डा. साहब,आपने समसामयिक विषय को बहुत सरल भाषा और स्वाभाविक पात्रों के माध्यम से इस कहानी में पिरोया है। प्रणाम !! अभिनंदन!!
?हार्दिक आभार, आदरणीय विवेक जी..!