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Comments (59)

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137वाँ मेरा वोट, vote me too plz if you like my poem

11 Nov 2018 01:01 PM

सुन्दर रचना ।
मेरी रचना पर भी नजर डालिये ।
वोट करना अनिवार्य नही, अच्छी लगने पर ही वोट करिये । थैंक्स

10 Nov 2018 08:38 PM

मेरा वोट स्विकार हो ,मेरी रचना पे वोट देणे का विचार करे

Nice penning

8 Nov 2018 08:54 AM

वाहहह मंजु जी। सुंदर रचना। अगर आपका वोट भी मुझे मिल जाए तो मेरी रचना सार्थक हो।

8 Nov 2018 12:13 AM

मेरी रचना भी पढ़े. आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. सादर

8 Nov 2018 12:12 AM

बहुत सुन्दर रचना मंजू जी. ???

4 Nov 2018 07:17 PM

Thanks manju ji for voting me

4 Nov 2018 11:25 PM

You are welcome Mamta JI. Your poem deserve it.

4 Nov 2018 02:10 PM

Nice

4 Nov 2018 11:24 PM

Thanks.

आपकी रचना पढ़ी और अच्छी भी लगी परन्तु मात्रा की त्रुटियां सुधारें ! जैसे अकसर कोई शब्द नहीं अक्सर लिखें ,धीरज-सा ऐसे लिखें ,अहसास नहीं एहसास होता है ,बूढा को बूढ़ा करें ,अनजाना-सा लिखें,धीरे-धीरे लिखें चिन्हों का विशेष ध्यान दें ! अब आप स्वयं मंथन करें अपनी त्रुटियों पर। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है इसमें त्रुटियां देखकर दुख होता है और वो भी मात्रा की ,जिसे हमने बचपन से पढ़ा है। जबकि आंग्ल भाषा लिखते समय हम ज़रा भी स्पेलिंग मिस्टेक्स नहीं करते और अंग्रेजी ग्रामर पढ़ते हैं तो क्यों न हम हिंदी लिखने हेतु हिंदी व्याकरण पढ़े ! इसे अन्यथा न लें ! सादर ‘एकलव्य’

4 Nov 2018 11:23 PM

आपके सुझावों के लिए धन्यवाद। कुछ स्थलों पर सचमुच त्रुटि रह गई थी। ठीक कर दी गई है। कुछ त्रुटियां फोन के फोंट के कारण भी रह जाती हैं जैसे मेरे फोंट में चन्द्रबिन्दु नहीं आता। इसलिए शीर्षक भी अशुद्ध रह गया है। एक बार फिर धन्यवाद।

बहुत अच्छा लिखा है जी

4 Nov 2018 11:24 PM

बहुत – बहुत धन्यवाद !

Please visit my post and voted

4 Nov 2018 12:26 AM

Beautiful lines Manju Ma’am…well written…!!

4 Nov 2018 11:24 PM

Thank you very much Sandhya.

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