सुंदर
आदरणीय
माँ के बारे में आपने समसामयिक, सत्य भाव प्रस्तुत किए।
ऐसा ही होता है।
और बाद में पुत्र माँ माँ कहता व्यथित होता है।
हमारे मन में होता है कि माँ तो मेरी है कहीं नहीं जाएगी ।
मेरी कविता भी पढ़ कर अच्छी लगे तो मत भी दें
बहुत सुंदर सृजन, सुंदर भावाव्यक्ति, बेहतरीन शब्द चयन लाजवाब
बहुत ही बढ़िया सर, 8वा वोट मेरा है।
बिलकुल आपका है 8 वां वोट सुषमा जी। हार्दिक धन्यवाद।
मुझे आपकी कविता पढ़ते ही अच्छी लगी और मैने तभी वोट दे दी
बहुत अच्छा लिखा है जी , अगर मेरे भी रचना पर मत पड़ जाए तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी ।?
धन्यवाद जी। Voted
मुझे आपकी कविता अच्छी लगी और मैने वोट पहले ही दे दी
जी प्रणाम,आपकी रचना पढ़ी अत्यंत प्रभावी लगी ! परन्तु क्षमा करें एवं त्रुटि सुधार करें ! जैसे बडे को बड़े लिखें ,मुझपर एक साथ लिखें ,रात-रात ऐसे लिखें ,ज्यों-ज्यों ऐसे लिखें ,लिखूं को लिखूँ करें ! बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने। कृपया इसे अन्यथा न लें ! अशेष शुभकामनाएं , सादर ‘एकलव्य VOTED
मुझे वोट करने के लिए धन्यवाद. आपकी रचना भी बहुत अच्छी है। voted for you