बेहतरीन आयोजजन के लिए बधाई हो।
हम साहित्यपीडिया प्रतियोगिता के नियमों और निर्णयों से सहमत है और पिता विषय पर अपनी मूल कृति प्रस्तुत कर चुके हैं।
अच्छा विषय बधाई हो साहित्यपिडिया को..! जरूर कोशिश करेंगे
बहुत मैं साहित्य पीडिया को लेखकों के लिए सर्वश्रेष्ठ साधन के रूप में देख रही हूँ ।
पिता विषय पर प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए बधाई शुभकामनाएं धन्यवाद ।
अतिसुन्दर
सुंदर आयोजन !
Dear team Sahitypedia क्या इस प्रतियोगिता मे पिता जी को पापा लिख के भी एंट्री की जा सकती है,,
जी। कर सकते हैं।
हिन्दी साहित्य में रचनाओं एवं रचनाकारों को आगे बढ़ाने के लिए “साहित्य पीडिया” द्वारा एक शानदार अवसर प्रदान किया गया है। मैं इसके लिए बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं, और इस कदम का दिल से स्वागत करता हूं।
सुंदर आयोजन की हार्दिक शुभकामनाएं।
I agree with all rules by Sahityapidiya
पिता के प्रति अपनी भावनाओं को अपनी कलम से बयां करने का सुनहरा अवसर।साहित्यपीडिया टीम के सभी सदस्यों का इसके लिए मैं बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं
साहित्य पीडिया के माध्यम से जो भी प्रतियोगिता आयोजित की जाती है वो अत्यंत सघन विश्लेषण के बाद ही आयोजित की जाती है मैं इस प्रकार की प्रतियोगिता की गुणवत्ता का पूर्ण रूपेण स्वागत करता हूँ
हार्दिक स्वागत
नही दिखाई दे रही है कृपया गाइड करे।
आपकी रचना प्रतियोगिता में दिखायी दे रही है। ऊपर All Entries के बटन पर क्लिक करें।
मैने साहित्य पीडिया की प्रतियोगिता में भाग लिया पर वह रचना प्रतियोगिता में दिखाई नही देती। वह सामान्य रचनाओं।के साथ दिखाई देती है।ऐसा क्यों है क्या मेरे पार्ट पर कोई त्रुटि हो रही है। अन्य प्रतियोगियों की भी रचनाएं भीh
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Your Entries करके शुरू कविता पूरी करने के बादAll Entries उसके बाद Submit करना है
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नियमों में कुछ मामूली बदलाव हुए हैं, कृपया एक बार नियम दोबारा देखें।
वेबसाइट sahityapedia.com पर भेजना हैं। या और कोई लिंक हैं। विषय 100 शब्द,20 पंक्ति से अधिक नहीं होना चाहिए जहाँ तक समझे हैं प्लीज उत्तर दें
ऊपर Submit Entry बटन के द्वारा प्रतियोगिता में अपनी रचना सम्मलित करें। नियमों में कुछ मामूली बदलाव हुए हैं, कृपया एक बार नियम दोबारा देखें।
आपकी वेबसाइट में पूर्व प्रकाशित हमारी रचना “पिता ” इस प्रतियोगिता में शामिल कर सकते है क्या ?
जी अच्छा!
नियमों में कुछ मामूली बदलाव हुए हैं, कृपया एक बार नियम दोबारा देखें।
आपकी इस कोशिश से ना जानें कितने लोग अपने पिता को दिल से महसूस करेंगें उनका सच्चा अवलोकन करेंगे। साहित्य पीडिया का यह बहुत ही सरहनीय कार्य है। हम सब आपके तहे दिल से शुक्र गुजार है। बहुत बहुत धन्यवाद साहित्य पीडिया।