beautifully written
Thank you ?
“सहरा, जंगल, गुलशन, दरिया, बांध लिये, जो कहता था,
चारदीवारी में है दुबका, ज़र्रे की सी हस्ती है!”
My personal favorite part…. Great Writing
धन्यवाद भाई ??
सुंदर लेखनी
बहुत धन्यवाद ??
सहज,सरल और उत्तम रचना???
धन्यवाद सर ??
समकालीन परिस्थितियों को शब्दों में पिरोकर सजीव चित्रण करने का एक बेहतरीन उदाहरण है ये कविता।
धन्यवाद भाई ??
बहुत सुंदर राहुल गौड़ जी, मैंने वोट कर दिया है आप मेरी रचना “कोरोना दोहा नवमी” को वोट कर अनुग्रहीत करें
धन्यवाद ??
वाह राहुल जी.. बहुत सुन्दर रचना है आपकी. नव वर्ष की शुभकामनाएं ? कृप्या मेरी कविता “करोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करियेगा और अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित कीजिएगा. धन्यवाद ??
धन्यवाद ??
अतिसुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
कृपया मेरी प्रस्तुति “अहद ” का अवलोकन कर वोट करने का कष्ट करें !
मैंने आपकी प्रस्तुति को वोट कर दिया है।
धन्यवाद ??
राहुल का कवि हृदय से ऐसी सुंदर रचना की ही उम्मीद थी।
धन्यवाद जी ??
सुन्दर अभिव्यक्ति
सादर धन्यवाद ??
बहुत उमदा लेखन !!!
धन्यवाद ??
महामारी की त्रासदी का दर्द बयां करती हृदयस्पर्शी रचना
बहुत धन्यवाद ??
राहुल जी आपकी सुंदर रचना पर वोट कर दिया है ।मेरी रचना *नाम मिला जिसे कोराना
*का भी अवलोकन करें अच्छी लगे तो वोट करे! नव वर्ष की शुभ कामना ।धन्यवाद!!
धन्यवाद ??
अत्यन्त प्रभावी प्रस्तुति,राहुल जी..! मैंने आपको वोट कर दिया है (13)आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी ग़ज़ल “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..!
साभार..!???
अति सुन्दर राहुलजी
राहुलजी आपकी सुंदर रचना को पहला वोट मेरी तरफ़ से।मेरी कविता ईश्वर भी पढ़ें और वोट करें। अच्छी लगे तो कमेंट भी कर सकते हैं।?
धन्यवाद ??
अच्छी रचना। मैंने आपकी रचना को वोट कर दिया है। कृपया आप भी मेरी रचना “कोरोना (ग़ज़ल) पढ़ें और अपना बहुमूल्य वोट दे कर मुझे कृतार्थ करें। धन्यवाद।
धन्यवाद