सत्य वचन व भावपूर्ण रचना ।मैने आपकी रचना को अपना वोट दिया कृपया आप भी मेरी कविता को अपना वोट देने की कृपा करें।
हार्दिक आभार ?
सुन्दर रचना ! कोरोना काल में चिकित्सक की प्रासंगिकता बढ़ी है, जिसे आपने कविता में बखूबी उकेरा है। ????????
आदरणीया ,मेरी कविता “कोरोना किसी को हो ना “का अवलोकन करने की कृपा करें और वोट कर अनुग्रहित करें। ?
मैंने आपकी अनुपम रचना को वोट दे दिया है। ??
हार्दिक आभार ?
सुंदर भाव युक्त प्रस्तुति।
आपने चिकित्सक के एक पक्ष का भाव प्रस्तुत किया है परंतु इसका दूसरा पक्ष भी है जो अत्यंत ही नकारात्मक एवं असंवेदनशील है।
जो इस पक्ष के भुक्तभोगी हैं उन्हें चिकित्सक देवता के स्थान पर दानव नजर आते हैं।
यह एक कटु यथार्थ है , इसे नकारा नहीं जा सकता है।
धन्यवाद !
धन्यवाद आदरणीय! चिकित्सक को भगवान स्वरूप ही समझा जाता है, लेकिन अफसोस! कई चिकित्सको की मानव प्रकृति का कोई क्या करे जो अपने इस सम्मान को भी नहीं पचा पाते। और इस तरह के लोग हर महकमे में नजर आएंगे।
Vr nice
धन्यवाद सहित