Adwitiya rachna h Dil chhu Gaye
आभार आपका अतुल जी ?
वाह ! मर्मस्पर्शी उत्कृष्ट रचना. शुभकामनाएँ. Voted 114th.
धन्यवाद आदरणीय ?
कृपया मेरी कविता मां भी पढ़ें और वोट करें थन्यवाद जी
धन्यवाद आदरणीय। अवश्य ?
117
My vote for you.pls vote me.read my poem. Vote me.
धन्यवाद आपको। आपको भी वोट कर दी हूँ।
My vote for you.pls vote me
Nice poem madam Mera vote savikar krai or meri poem padai aachi lagai to vote dai please
धन्यवाद। जी कर दी आपको भी वोट
Very beautiful ?
धन्यवाद जी
108 वा वोट मेरा जी आप अपना बहुमूल्य वोट अभिनीलू जून जी को देकर प्रथम स्थान पर कायम रहने में सहयोग करे जी उनका सहयोग भी आपको मिलेगा?
आभार आपका आदरणीया ।अवश्य
Mera 105 va vot swikar kare priyanka ji . Krpya meri rachna par bhi gaur kar vote kare
बहुत बहुत बहुत बहुत खुबसूरत beautiful didi!!!
धन्यवाद भाई ?
102वा स्वीकार करें और मेरी रचना पढ़कर मुझे भी अपने वोट से कृतार्थ करें
धन्यवाद आदरणीया। अवश्य ?
बहुत सुन्दर रचना। 101 वां वोट स्वीकार करें। मेरी रचना पर भी वोट दे कर कृताथ करें।
धन्यवाद आदरणीय। अवश्य
आदरणीय सुंदर शब्द संयोजन किया है आपने
हम अभिभूत हैं आपकी सहृदयता का। आपकी भावाव्यक्ति को अच्छा प्रोत्साहन मिल रहा है ये देखकर प्रसन्नता हुई। आपके सहयोग हमारे मन को हर्षित करने वाला है। बहुत आभार! विश्वास है प्रतियोगिता से हटकर भी आपका सहयोग एवं मार्गदर्शन हमें निरंतर मिलता रहेगा। बहुत आभार। मार्गदर्शन की अपेक्षा आशीर्वाद और शुभकामनाओं का सदैव आकांक्षाी। प्रार्थना में याद रखने का सादर निवेदन
अति आभार आपका आदरणीय
Voted for you please vote for me
Thanks dear ..definitely ?
सुंदर रचना। 100 मत मेरा। शुभकामना।
आभार आपका आदरणीया
‘नदी की तरह स्वतन्त्र थी मैं’ ! इस पंक्ति में माँ की एक अद्वितीय विशेषता तथा माँ के एक विशिष्ट गुण का सुविस्तृत वर्णन है।
माँ हमको न ही महास्वतन्त्र समुद्र ‘ बनाती है ‘ और न ही एक परतन्त्र तालाब ‘बनने देती है’।
नदी सीमित भी है और अथाह भी ठीक उसी तरह माँ का हृदय तब सीमित है जब उसे विवशतः हमारे प्रति हमारे भले के लिए कठोर होना पड़ता है और माँ का हृदय हमारे प्रति तब अथाह होता है जब वह ममता, प्रेम, दुलार इत्यादि (सूची भी अथाह है) हम पर लुटाती है। बरसाती है।
Mother is the best form of Almighty, present in the universe.
Awesome.
आभार आपका आदरणीय। कविता के मर्म को समझने के लिए धन्यवाद। ?
मेधा की आस है, मेधा की ही प्यास है। जहाँ है मेधा, हम वही कहीं आस पास हैं।
done
धन्यवाद आदरणीया
भावपूर्ण, उत्कृष्ट अभिव्यक्ति?? बहुत सुंदर! वोट 94# स्वीकार करें ??? और मेरी कविता पढ़ कर, ?? वोट देने योग्य हो तो वोट देकर कृतार्थ करें। ??
आभार आपका आदरणीया । मैने आपको पहले ही वोट कर दिया है ।
Not able to send you the friend request on FB, plz send a friend request to me. Let’s be friends
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Hnji ho gya hai …Thank u
Welcome ji Maine to bahut pehle kar diya
आदरणीय आपकी रचना सराहनीय है कृपया आप हमें वोट करने की कृपा कीजिए रचनाकार नहीं कोई भी रचना बड़ी होती है और माॅ से जैसे विषय पर लिखी रचना को आपका प्रोत्साहन मिलना जरूरी है विनम्र निवेदन कृपया अपने वोट का आशीर्वाद प्रदान करें। आशा है आपका वोट अवश्य प्राप्त होगा धन्यवाद आदरणीय ‘‘बस तेरा ही जयकारा है’’
आपको मैने पहले ही वोट कर दिया है आदरणीय