Comments (25)
6 Nov 2018 11:23 PM
बहुत खुब ,आग्रह है अगर मेरे भी रचना पर आपकी कुशल दृष्टि व मत पड़ जाए तो कृतार्थ होऊं।।?।
6 Nov 2018 01:57 PM
जी आपकी रचना पढ़ी बहुत अच्छी लगी परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो बेहतर होगा ! जैसे , सोऊँ लिखें ,होऊँ करें,खिलाकर लिखें, ! कृपया इसे अन्यथा न लें ! मेरी अशेष शुभकामनाएं। सादर ‘एकलव्य’ VOTED
स्वतंत्र ललिता मन्नू
Author
6 Nov 2018 08:23 PM
एकलव्य जी थैंक्स
सुन्दर रचना ।
मेरी रचना पर भी नजर डालिये ।
वोट करना अनिवार्य नही, अच्छी लगने पर ही वोट करिये । थैंक्स