Awesome poem ???
आभार
Voted
२१वाँ वोट मेरा आपको आप भी मुझे कृतार्थ कीजिए
आभार महोदय?
सादर धन्यवाद महोदया ।।??
Every pleasure is mine Ma’am & thanks for your support.
Actually, your creation is not a subject to my support as it is intrinsically awesome but if you consider me eligible for the support, I am obliged to infinite extent.
I need to thank you for your support instead.
Keep your support active for me,which is my request.
Hence, voted for your work.
Regards-
Adv Sandarbh Mishra,
Varanasi
Voted for your post..all the best. Need your support also.
महोदया,
मेरी रचनाओं में से एक रचना ‘न्याय- एक स्पष्टीकरण भी है। कृपया इस लेख पर आवश्यक टिप्पणी करें।
बहुत ही अच्छी रचना है। वाह! वाह! मेरा वोट स्वीकार करें। आपसे अनुरोध है कि मेरी रचना भी देखने की कृपा करें और यदि अच्छी लगे तो अपने वोट का आशीर्वाद अवश्य प्रदान करें! सादर!
आभार??
बेहद उम्दा। आपकी रचना पर 16वा वोट मेरा। कृप्या मेरी कविता भी पढ़े और यदि आपको पसंद आए तो वोट जरुर करें ?
मत के मोहताज़ नहीं लफ्ज़ उनके,
तारीफ़ फिर भी फ़नकार की ज़रूरत है।
सन्दर्भ जी आपने अच्छी कविता लिखी है ।
मेरी भी कविता ध्यान से पढ़िए ।
वोट चाहे मत करिए पर अपने विचार जरूर प्रस्तुत करिये ।
अवश्य अग्रज?
अपनी कविता लिंक भेजें महोदय
खूबसूरत रचना जी, 14वा मत मेरा स्वीकार करे, और मेरी रचना पर भी अपनी दयादृष्टि डाले और अपना वोट देकर मुझे अनुग्रहित करें।
अरे अरे महोदया यह क्या कह दिया आपने।
मैने किसी लेख पर वोट की आशा नहीं की है और आप सभी के वोटों का सम्मान करता हूँ।
दयादृष्टि तो ऐश्वर्य का अंश है मैं क्या हूँ।
मेरा वोट आपका
साभार
अति उत्तम रचना जी ।
सादर अभिनन्दन जी
??
अतिसुंदर ,VOTED
आभार
वाह! बेहतरीन रचना।।
मेरा भी मत आपको स्वीकार हो,
आभार पांडेय साहब ।।
जय हिंद
जय मेधा
जय मेधावी भारत
??
?
पंक्तियाँ अच्छी लगी हों तो वोट और शेयर कीजिये
संदर्भ एडिट कर रचना के नीचे अपना नाम और पता लिखो
जी भैया??
मैं तो बस इतना ही कहूंगा… दायें देखा बांये देखा तुझसे बेहतर दिखा न कोई….बनारसी बाबू की जय…..चिरंजीवी भव…यशश्वी भव
आशीर्वाद भैया
आदरणीय सन्दर्भ जी आपकी रचना पढ़ी सत्य कहूँ तो बनारस की याद ताज़ा हो गई ,’माई’ शब्द हमारे बनारस की याद दिला गई। अतिसुंदर ,सादर ‘एकलव्य’ VOTED
भैया एकलव्य जी हर हर महादेव
बनारस की मुझे याद तब भी नहीं आती जब मैं बनारस से दूर रहता हूँ क्योंकि मैं बनारस को कभी भूल पाता ही नहीं ।।
हाँ ! बनारस हो या सम्पूर्ण विश्व, माई तो सर्व्यापक है और सर्व्यापक ईश्वर मात्र है।
जहाँ माँ है वहीं ऐश्वर्य है अन्यथा कुछ भी तो नहीं है।
साभार
जय हिंद
जय मेधा
जय मेधावी भारत?
वोट के लिए आपको नहीं माँ को धन्यवाद देता हूँ, जिसके कारणवश मेरी रचना को इस योग्य आप सभी धुरंधरों ने समझा।।
जय हिंद
जय माँ भारती
पण्डित जी की कविता सराहनीय
अति सुन्दर 24 वा वोट स्वीकार करे
मुझे भी वोट दे
आभार